Monday, May 10, 2010

आईपीएल को मत कोसो वि‍श्व कप में हार के लि‍ये

वेस्‍टइंडीज के हाथों हारते ही टीम इंडि‍या का वि‍श्व कप टी20 2010 में सफर लगभग समाप्‍त हो गया। हर क्रि‍केट प्रेमी की तरह मेरे लि‍ये भी यह नि‍राशा की बात थी। आखि‍र हमें अपनी टीम को हारते देख हमेशा ही दुख होता है। हम अपनी टीम को जीतते देखना चाहते हैं और जब यह आशा पूरी नहीं होती, तो दुख होना लाजमी है। क्रि‍केट में हमारे देश के करोड़ों लोगों की भावनायें जुड़ी होती हैं। हार, उन भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।

लेकि‍न, हैरानी तब हई जब हार के कारणों की वि‍वेचना करते हुये टीवी चैनल आईपीएल पर जा पहुंचे। वि‍श्व कप की हार के लि‍ये आईपीएल को जि‍म्‍मेदार ठहराया जाने लगा। यह बात अखरने लगी। मुझे लगता है कि हम आईपीएल को बेकार में इस सबके लि‍ये कोस रहे हैं। अगर विश्व कप में टीम इंडि‍या के खराब प्रदर्शन के लि‍ये आईपीएल जि‍म्‍मेदार है, तो हमें यह नहीं भूलना चाहि‍ये कि दूसरी कई टीमों के खि‍लाड़ी भी इस टूर्नामेंट का हि‍स्‍सा थे। ऑस्‍ट्रेलि‍या के 7-8 खि‍लाड़ी अलग-अलग टीमों में खेल रहे थे। इंग्‍लैंड, दक्षि‍ण अफ्रीका, वेस्‍टइंडीज, न्‍यूजीलैंड श्रीलंका आदि सभी देशों के खि‍लाड़ी आईपीएल में थे। इन सब टीमों का प्रदर्शन आईपीएल में अच्‍छा रहा है। दूसरी ओर पाकि‍स्‍तान का एक भी खि‍लाड़ी आईपीएल में नहीं था और अंति‍म चार में पहुंचने की उसकी उम्‍मीदें भी अपने प्रदर्शन से ज्‍यादा भाग्‍य के भरोसे टि‍की रहीं।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्‍या टीम इंडि‍या की इस गत का जि‍म्‍मेदार आईपीएल को ठहराना उचि‍त है। नहीं, टीम इंडि‍या का खुद का प्रदर्शन इसके लि‍ये जि‍म्‍मेदार है। ऑस्‍ट्रेलि‍या के खि‍लाफ शॉर्ट पि‍च गेंदों का सामना करते हुये भारतीय बल्‍लेबाज कि‍सी स्‍कूली टीम की तरह नजर आ रहे थे। उस मैच में गेंदबाजों से ज्‍यादा बल्‍लेबाजों का अप्रोच टीम की हार के लि‍ये जि‍म्‍मेदार रहा। रोहि‍त शर्मा ने उस मैच में दि‍खाया था कि‍ अगर टि‍ककर बल्‍लेबाजी की जाती, तो उस वि‍केट पर रन बनाने इतने मुश्कि‍ल भी नहीं थे। वेस्‍टइंडीज के खि‍लाफ भी बल्‍लेबाजी के साथ-साथ खराब फील्‍डिंग का भी योगदान रहा। रवींद्र जडेजा दोनों मैचों में अच्‍छा नहीं खेल पाये। उनकी गेंदबाजी पर लगातार छक्‍के पडे और उन्‍होंने कुछ महत्‍वपूर्ण कैच भी छोड़े। बतौर बल्‍लेबाज भी उन्‍होंने कुछ नहीं कि‍या। वे तो इस बार आईपीएल में नहीं खेले, आखि‍र उन्‍हें क्‍या हो गया था।

दूसरी ओर आईपीएल में खेलते समय इंग्‍लैंड के धाकड़ बल्‍लेबाज केवि‍न पीटरसन ने कहा था कि आईपीएल में खेलने से उन्‍हें फायदा हो रहा है। केपी ने इसके साथ ही इंग्‍लि‍श गेंदबाजों के आईपीएल में न खेलने पर दुख जताया था। श्रीलंका की ओर से शानदार बल्‍लेबाजी कर रहे महेला जयवर्द्धने को अपनी फार्म आईपीएल में ही मि‍ली। क्रि‍स गेल भी आईपीएल में थे और केरॉन पोलार्ड भी। श्रीलंकाई टीम के ज्‍यादातर खि‍लाड़ी इस टूर्नामेंट में आने से पहले आईपीएल में खेल रहे थे। इंग्‍लैंड की टीम बांग्‍लादेश में क्रि‍केट खेल रही थी और ऑस्‍ट्रेलि‍या और न्‍यूजीलैंड भी क्रि‍केट खेलने में व्‍यस्‍त थे।
श्रीलंकाई टीम को चारों खाने चि‍त करने वाली ऑस्‍ट्रेलि‍याई टीम के 11 में सात खि‍लाड़ी आईपीएल में अलग-अलग टीमों का हि‍स्‍सा थे। केवल, मि‍शेल जॉनसन, ब्रेड हैडि‍न, स्‍टीव स्‍मि‍थ और माइकल क्‍लार्क ही आईपीएल में नहीं खेले थे। ऐेसे में खि‍लाड़ि‍यों के खराब प्रदर्शन का ठीकरा आईपीएल के सि‍र फोड़ना कहां तक जायज है। वि‍श्व कप में हार की वजह शॉर्ट पि‍च गेंदों के खि‍लाफ बल्‍लेबाजों की नाकामी है। काफी समय से शॉर्ट पि‍च गेंदें भारतीय उपमहाद्वीपीय टीमों की कमजोरी मानी जाती है। इसमें सुधार करने की जरूरत है।

यहां हमें यह भी देखना चाहि‍ये कि‍ आईपीएल और वि‍श्व कप के फॉरमेट में काफी अंतर है। आईपीएल में हर टीम को 14 मैच खेलने थे और टूर्नामेंट में वापसी के मौके ज्‍यादा थे। चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स की टीम लगातार चार मैच हार कर भी वापसी कर सकी और चैंपि‍यन बनी। वि‍श्व कप के सुपर आठ में एक मैच हारते ही मुश्कि‍ल शुरु हो जाती है। तो, बेकार में आईपीएल के रूप में आसान शि‍कार ढूढ़ने की कोशि‍श करने की बजाये, बड़ी तस्‍वीर देखनी चाहि‍ये।