वीरेंद्र सहवाग ने न्यूजीलैंड के हैमिल्टन मैदान पर बल्लेबाजी का वो नजारा पेश किया कि देखने वालों के मुंह से सिर्फ एक ही शब्द निकला- वाह! बुधवार को जब देश होली के रंगों में सराबोर था, सहवाग हैमिल्टन में आतिशाबाजी कर रहे थे। सहवाग के सामने न्यूजीलैंड के गेंदबाज असहाय नजर आए।
सिर्फ 60 गेंदों का फासला तय करना पड़ा सहवाग को वनडे क्रिकेट में अपने 11 वें शतक तक पहुंचने के लिए। इसके साथ ही सहवाग वनडे में भारत की ओर से सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। 21 साल पुराना मोहम्मद अजहरुद्दीन का रिकॉर्ड टूट गया। यह संयोग की ही बात है कि उस समय भी विपक्षी टीम न्यूजीलैंड ही थी और बुधवार को भी न्यूजीलैंड की टीम ही सामने थी। उनकी इस पारी में आक्रमकता तो थी, लेकिन हड़बड़ाहट नहीं दिखी। बल्ले से निकलता हर शॉट क्रिकेट की खूबसूरती दिखाता नजर आया। हां, एक-दो शॉट जरूर मिसहिट हुए, लेकिन यही तो सहवाग का अंदाज है- पूरी तरह बेखौफ।
पहले विकेट के लिए सहवाग ने अपने साथी गौतम गंभीर के साथ मिलकर 201 रन जोड़े। हालांकि, गंभीर ने भी करीब 100 के स्ट्राइक रेट से 63 रन बनाए, लेकिन सहवाग के 74 गेंदों में 125 रनों के सामने उनकी यह पारी अनदेखी रह गई।
न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की असहयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कीवी टीम के कप्तान डेनियल विटोरी ने चौथे वनडे में हार के बाद कहा कि जब सहवाग इस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हों, तो गेंदबाज कुछ नहीं कर सकते।
दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए खौफ बन चुके सहवाग को शॉट पिच गेंदों के सामने कुछ कमजोर समझा जाता रहा। कहा जाने लगा कि अगर उन्हें रोकना है तो, यही सबसे कारगर उपाय है। लेकिन, अब लगता है कि उन्होनें अपनी इस कमी से भी पार पा लिया है। मैच के बाद संजय मांजरेकर भी कहते दिखे कि सहवाग अब शॉट गेंदों के सामने पहले से ज्यादा सहज नजर आते हैं। पहले इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज और अब न्यूजीलैंड में भी सहवाग पुल शॉट खेल रहे थे, जैसे वे गेंदबाजों को संदेश देना चाह रहे हों कि बच के रहना, अब मेरे तरकश में यह तीर भी है। निश्चित रूप से यह गेंदबाजों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
न्यूजीलैंड दौरे पर जाने से पहले सहवाग ने कहा था कि वहां की पिचें उनके बल्लेबाजी स्टाइल के अनुरुप नहीं है, शायद उनके जेहन में 2002-03 की यादें होंगी, जब भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढ़ह गई थी। लेकिन, उस दौरान भी उन्होंने सात मैचों में दो शतक लगाए थे।
इस बार की पिचें तो रनों से भरपूर नजर आ रही हैं, तभी तो सहवाग कहते हैं कि न्यूजीलैंड के छोटे मैदानों और सपाट पिचों के चलते यहां बल्लेबाज वनडे में दोहरा शतक बना सकता है। कभी बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह मानी जाने वाली न्यूजीलैंड के विकेटों पर इस बार गेंदबाजों की उम्मीदों को झटका लगा है। लेकिन जो भी हो क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल है और इस बात की अब तस्दीक होती जा रही है। और जिस तरह की विकेटें बनती जा रही हैं वो दिन अब दूर नजर नहीं आता जब वनडे क्रिकेट में भी बल्लेबाज 200 रन का जादुई आंकड़ा छू लेंगे।
भारत मल्होत्रा
सिर्फ 60 गेंदों का फासला तय करना पड़ा सहवाग को वनडे क्रिकेट में अपने 11 वें शतक तक पहुंचने के लिए। इसके साथ ही सहवाग वनडे में भारत की ओर से सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। 21 साल पुराना मोहम्मद अजहरुद्दीन का रिकॉर्ड टूट गया। यह संयोग की ही बात है कि उस समय भी विपक्षी टीम न्यूजीलैंड ही थी और बुधवार को भी न्यूजीलैंड की टीम ही सामने थी। उनकी इस पारी में आक्रमकता तो थी, लेकिन हड़बड़ाहट नहीं दिखी। बल्ले से निकलता हर शॉट क्रिकेट की खूबसूरती दिखाता नजर आया। हां, एक-दो शॉट जरूर मिसहिट हुए, लेकिन यही तो सहवाग का अंदाज है- पूरी तरह बेखौफ।
पहले विकेट के लिए सहवाग ने अपने साथी गौतम गंभीर के साथ मिलकर 201 रन जोड़े। हालांकि, गंभीर ने भी करीब 100 के स्ट्राइक रेट से 63 रन बनाए, लेकिन सहवाग के 74 गेंदों में 125 रनों के सामने उनकी यह पारी अनदेखी रह गई।
न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की असहयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कीवी टीम के कप्तान डेनियल विटोरी ने चौथे वनडे में हार के बाद कहा कि जब सहवाग इस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हों, तो गेंदबाज कुछ नहीं कर सकते।
दुनिया भर के गेंदबाजों के लिए खौफ बन चुके सहवाग को शॉट पिच गेंदों के सामने कुछ कमजोर समझा जाता रहा। कहा जाने लगा कि अगर उन्हें रोकना है तो, यही सबसे कारगर उपाय है। लेकिन, अब लगता है कि उन्होनें अपनी इस कमी से भी पार पा लिया है। मैच के बाद संजय मांजरेकर भी कहते दिखे कि सहवाग अब शॉट गेंदों के सामने पहले से ज्यादा सहज नजर आते हैं। पहले इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज और अब न्यूजीलैंड में भी सहवाग पुल शॉट खेल रहे थे, जैसे वे गेंदबाजों को संदेश देना चाह रहे हों कि बच के रहना, अब मेरे तरकश में यह तीर भी है। निश्चित रूप से यह गेंदबाजों के लिए अच्छी खबर नहीं है।
न्यूजीलैंड दौरे पर जाने से पहले सहवाग ने कहा था कि वहां की पिचें उनके बल्लेबाजी स्टाइल के अनुरुप नहीं है, शायद उनके जेहन में 2002-03 की यादें होंगी, जब भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढ़ह गई थी। लेकिन, उस दौरान भी उन्होंने सात मैचों में दो शतक लगाए थे।
इस बार की पिचें तो रनों से भरपूर नजर आ रही हैं, तभी तो सहवाग कहते हैं कि न्यूजीलैंड के छोटे मैदानों और सपाट पिचों के चलते यहां बल्लेबाज वनडे में दोहरा शतक बना सकता है। कभी बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह मानी जाने वाली न्यूजीलैंड के विकेटों पर इस बार गेंदबाजों की उम्मीदों को झटका लगा है। लेकिन जो भी हो क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल है और इस बात की अब तस्दीक होती जा रही है। और जिस तरह की विकेटें बनती जा रही हैं वो दिन अब दूर नजर नहीं आता जब वनडे क्रिकेट में भी बल्लेबाज 200 रन का जादुई आंकड़ा छू लेंगे।
भारत मल्होत्रा
2 comments:
होली का मजा दूना हो गया था रनों से रंग दिया था पूरा न्यूजीलैण्ड।
भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई ... साथ में सारे भारतीयों को भी ... जीत के कारण होली अच्छा रहा इस बार।
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