आज के दौर में जहां क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच जंग में गेंद लगातार पिछडती चली जा रही है, टेस्ट क्रिकेट में आज भी गेंद और बल्ले के बीच खूबसूरत मुकाबले देखने को मिल जाते हैं। वेलिंगटन के रिजर्व बेसिन मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के पहले दिन कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। एक ओर जहां बल्लेबाज रन बटोरने में कामयाब रहे, वहीं गेंदबाजों ने भी 9 विकेट लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
भारत मल्होत्रा
वेलिंगटन टेस्ट का पहला दिन टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती लिए हुए था। इसमें रन थे, विकेट थे, द्रविड़ की पारी में जहां टेस्ट क्रिकेट का संयम था वहीं हरभजन और जहीर खान ने वनडे और टी-20 का अंदाज दिखाया। इससे बेहतर, किसी और चीज की भला उम्मीद ही क्या की जा सकती है। मैच के पहले दिन, जहां भारत ने 375 रन बनाए जो उसके टेस्ट मैचों के पहले दिन बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं, वहीं न्यूजीलैंड भी 9 विकेट हासिल करने में कामयाब रहा।
भारत के लिए वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने तेज शुरूआत की। महज 10वें ओवर में टीम इंडिया 50 का आंकड़ा छू चुकी थी। सहवाग अपने चिर-परिचित अंदाज में बल्लेनबाजी कर रहे थे। 16वें ओवर की तीसरी गेंद पर जब सहवाग 48 रन बनाकर आउट हुए, तब तक भारत 73 रन बना चुका था। इसके अगले ही ओवर में गौतम गंभीर भी आउट हो गए।
क्रीज पर दो नए बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर आ गए। न्यूएजीलैंड को मैच में वापसी की राह नजर आने लगी। लेकिन, इन दोनो अनुभवी बल्लेएबाजों ने कीवी टीम के इरादों पर पानी फेर दिया। इसके बाद फिर एडवांटेज इंडिया। लेकिन, इसके बाद कहानी में मोड़ आने शुरु होते हैं अब इसे क्रिकेट की खूबसूरती कहिए या फिर कुछ और। 165 के स्कोर पर सचिन 62 रन बनाकर पैवेलियन लौटते हैं और 204 तक पहुंचते पहुंचते टीम इंडिया 6 विकेट खोकर गंभीर संकट में आ चुकी होती है।
टीम इंडिया की पारी को पार लगाने की बागडोर होती है कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और हरभजन सिंह के हाथों में। दोनों के बीच सातवें विकेट के लिए 79 रनों की साझेदारी ने टीम इंडिया को संकट से निकालने का काम किया। जब धौनी और हरभजन बल्लेबाजी करने लगे तो उम्मीद तो यही की जा रही थी कि टीम इंडिया किसी तरह 275से 300 के बीच का आंकड़ा छू लेगी। लेकिन, एक बार फिर कहानी में ट्विस्ट आता है। धौनी और हरभजन दबाव में आने की बजाए उल्टे कीवी टीम पर धावा बोल देते हैं, खासकर हरभजन। दिन के हीरो रहे हरभजन महज 58 गेंदों में छह चौकों और एक छक्के की मदद से अपना सातवां अर्द्धशतक पूरा करते हैं। धौनी आउट होते हैं तो टीम इंडिया का स्कोर होता है- 283/7। हरभजन सिंह को 60 रन बनाकर आउट होने के बाद भी इस बात का मलाल रह जाता है कि वे अपनी इस पारी को शतक में तब्दील नहीं कर पाए।
इसके बाद निचले क्रम के बल्लेकबाजों ने अपने हाथ दिखाने शुरु किए। वे लगातार स्लॉग करते रहे और किवी गेंदबाजों की सारी कोशिशें बेकार जाती रही। टीम इंडिया ने पहले दिन 214 रन चौकों और छक्कों की मदद से बनाए। अब अगर इस आंकड़े को नेपियर टेस्ट के आखिरी दिन के सामने रखा जाए जिसमें भारत ने पूरे दिन महज 205 रन बनाए थे। दिन के आखिरी सेशन के 35 ओवर में टीम इंडिया ने 185 रन जोड़े।
इस बीच कुछ हल्के -फुल्के लम्हें भी आए। न्यूदजीलैंड के गेंदबाज मुनफ पटेल को आउट करने की कोशिश में लगे थे और मुनफ गेंद को स्लॉग करने में। ऐसी ही एक गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई थर्ड मैन के ऊपर से चार रनों के लिए गयी। जहीर जिस गेंद पर आउट हुए, ओ’ब्रॉयन की उस गेंद को वे विकेटकीपर ब्रेंडन मॅक्कु्लम के सिर के ऊपर से मारना चाहते थे, लेकिन कामयाब नहीं हुए। वहीं एक बार मुनफ और ईशांत शर्मा रन लेते समय टकरा गए। कमाल की बात यह रही कि ओ’ब्रॉयन भी गेंद उठाते समय फिसल गए।
तो, क्रिकेट की खूबसूरती लिए इस दिन में दोनो ही टीमें अपने अपने लम्हों को लेकर खुश होंगे। हां बावजूद इसके न्यूजीलैंड को भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों द्वारा बनाए रन जरूर सता रहे होंगे।
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