दो मैचों में 253 का रन औसत। दो शतक। युवराज सिंह का यह प्रदर्शन इंग्लैंड कप्तान केविन पीटरसन के लिए बड़ी चिंता का विषय है। कानपुर के ग्रीन पॉर्क में केपी के सामने सबसे बड़ी समस्या टीम इंडिया के युवराज से पार पाने की होगी।
भारत मल्होत्रा
‘मैं युवराज को होटल के बाहर ले जाउंगा और कुछ ऐसा करूंगा ताकि वो कानपुर वनडे में न खेल पाएं’- 17 नवम्बर को खेले गए दूसरे वनडे के बाद इंग्लैंड के कप्तान केविन पीटरसन ने भले ही यह बात मजाक में कही हो, लेकिन यह बात युवराज के प्रति इंग्लैंड टीम के खौफ को दिखाने के लिए काफी है। युवराज सिंह इस सीरीज से पहले फॉर्म में नहीं थे, लेकिन इंग्लैंड सीरीज के अब तक दोनों मैचों में युवराज ने शानदार खेल दिखाया है। पहले मैच में सिर्फ 78 गेंद में 138 रन की ताबड़तोड़ पारी खेल युवराज ने अंग्रेज गेंदबाजों के धुर्रे बिखेर दिए। दूसरे मैच में 29 के स्कोर पर तीन भारतीय बल्लेबाजों को पैवेलियन भेजने के बाद अंग्रेज टीम इंडिया को झटका देने की उम्मीद पालने लगे थे, लेकिन इस बार भी उनके अरमानो पर पानी फेरने का काम किया पंजाब के युवराज सिंह ने। युवराज ने एक बार फिर सैकड़ा जड़ा और भारत का स्कोर 290 के पार पहुंचाया। इतना होता तो भी खैर थी, लेकिन बल्ले के बाद युवी ने अपनी गेंदों से भी कहर बरपा दिया। उन्होंने चार इंग्लिश बल्लेबाजों को पैवेलियन की राह भेजा। तो, अब राजकोट और इंदौर के इन दो मुकाबलों के बाद इंग्लैंड टीम के लिए कानपुर में टीम इंडिया का युवराज सबसे बड़ा खतरा है। धोनी कहते हैं कि युवराज जब फॉर्म में होते हैं तो वे सचिन और सहवाग से ज्यादा आक्रामक होते हैं और दूसरी ओर इंग्लैंड टीम के खिलाड़ी ग्रीम स्वॉन खुद को बदकिस्मत मानते हैं क्योंकि युवराज ने उनकी टीम के खिलाफ अपनी खोयी हुई फॉर्म पाई। कानपुर मुकाबले में अंग्रेजों के सामने सबसे बड़ी चुनौती आग उगलते युवराज के बल्ले को शांत करने की होगी। अभी तक खेले गए दोनो मुकाबलों में केविन पीटरसन की युवराज को रोकने की हर कोशिश नाकाम साबित हुई है। उनका कोई भी गेंदबाज युवराज पर किसी भी प्रकार का दबाव बना पाने में असफल रहा है। केपी की तेज गेंदबाजों की चौकड़ी स्टीव हॉर्मिसन, जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड और एंड्रयू फ्लिंटॉफ भी युवराज को बांध पाने में असफल रही। युवराज अपने मन माफिक शॉट खेलते रहे और इंग्लैंड टीम उनके सामने लाचार नजर आई। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस खब्बू बल्लेबाज को कैसे रोका जाए। युवराज भी इस अंदाज में खेलते नजर आए मानो कि पिछले काफी अर्से से चले आ रहे रनों के सूखे को अंग्रेजों के खिलाफ ही पूरा करेंगे। इंग्लैंड टीम के थिंक टैंक में अब जिस भारतीय खिलाड़ी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही होगी, वो बेशक युवराज सिंह ही होंगे। कोच पीटर मूर्स और कप्तान केविन पीटरसन इसी बात पर विचार कर रहे होंगे कि आख्रिर किस तरह से युवराज को रन बनाने से रोका जाए। आखिर टीम इंडिया का यह जाबांज उनके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। युवराज को रोकने के लिए मेहमान टीम तमाम तरह की नीतियों पर विचार कर रही होंगी। युवराज को रोकने का सबसे आसान तरीका जो जगजाहिर है- स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ उनका कमजोर प्रदर्शन। लेकिन, यहां पर अंग्रेजों के पास कुछ खास औजार नहीं है। इंग्लैंड की ओर से समित पटेल को अभी तक दो मैचों में बतौर स्पिनर खिलाया गया, लेकिन किसी भी मैच में उन्होने अपने कोटा के पूरे 10 ओवर नहीं फेंके। ऐसे में टीम में ग्रीम स्वॉन को शामिल किया जा रहा है। उम्मीद यही कि एक विशेषज्ञ ऑफ स्पिनर होने के नाते स्वॉन कुछ खास कर पाएंगे। बात तो यह भी चली कि मोंटी पनेसर को टीम का साथ देने के लिए इंग्लैंड से बुलाया जाए।
युवराज पर दबाव बनाने की नीति अपनाकर केपी एंड कंपनी उन्हें सस्ते में आउट करने की कोशिश कर सकती है। वो चाहेंगे कि युवराज को पारी की शुरुआत में आसानी से रन न बनाने दिए जाएं। उन्हें खुलकर खेलने से रोककर उनके नैचुरल फ्लो को रोकना इंग्लैंड की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
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