भारत और इंग्लैंड की इस सीरीज को दो टीमों से ज्यादा दो कप्तानों की जंग कहा गया। दो युवा जाबांज कप्तान। दो ऐसे कप्तान जिनके लिए जीत ही एकमात्र लक्ष्य। दो ऐसे कप्तान जो विरोधी को दिमागी लड़ाई में हराने में यकीन रखते हों। लेकिन, महेंद्र सिंह धोनी और केविन पीटरसन के बीच इस दिमागी जंग में पीटरसन कहीं पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
भारत मल्होत्रा
राजकोट, इंदौर और अब कानपुर। इंग्लैंड के लिए मैदान बदलते रहे, लेकिन किस्मत नहीं। सात मैचों की वनडे सीरीज में अभी तक हुए मुकाबलों में केविन पीटरसन की टीम हर मोर्चे पर धोनी की टीम के मुकाबले उन्नीस ही नजर आ रही है।
केविन पीटरसन का बतौर कप्तान विदेशी जमीन पर यह पहला दौरा है। लेकिन, अभी तक इस दौरे पर उनके लिए कुछ भी सही होता नजर नहीं आ रहा। मुंबई एकादश के खिलाफ अभ्यास मैच की हार से शुरु हुआ सिलसिला अभी तक जारी है। सात मैचों की सीरीज में पीटरसन की टीम अब एक ऐसे मुकाम पर खड़ी है जहां से उसकी वापसी की राहें अब लगभग नामुनकिन सी हो गयी हैं। सीरीज में 3-0 से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड अब बचाव की मुद्रा में आ गई है।
भारत दौरे पर आने से पहले इंग्लैंड के कोच पीटर मूर्स और पीटरसन की ओर से लगातार इस तरह की बयानबाजी हो रही थी कि भारत दौरे पर वे जीतने आ रहे हैं। लेकिन भारत की जमीं पर उतरने के एक पखवाड़ा बीतने के बाद वो बातें हवाई महल नजर आने लगे हैं।
इस सीरीज को केविन पीटरसन और महेंद्र सिंह धोनी की दिमागी जंग कहा गया। ऐसा कहा जाने लगा कि इन दोनो में जो यह जंग जीतेगा अंत में सीरीज का ताज भी उसी के सिर होगा। पीटरसन काफी आक्रामक कप्तान माने जाते हैं। एक ऐसा कप्तान जो बने बनाए रास्तों पर चलने में विश्वास नहीं रखता वो अपने रास्ते खुद तय करता है। मंजिल पर पहुंचने का हर मुनकिन रास्ता अपनाते के लिए तैयार दिखायी देते थे पीटरसन- लेकिन भारत दौरे पर उनका सामना भारत के महेंद्र सिंह धोनी से हुआ। धोनी की चालों के सामने पीटरसन के सभी मोहरे कमजोर साबित हो रहे हैं।
उनके बल्लेबाज रन बनाने में कामयाब नहीं हो रहे और गेंदबाज विकेटों को तरसते नजर आ रहे हैं। अंग्रेजों के लिए यह बड़ी समस्या तो है ही लेकिन एक आदमी जिस पर सबसे ज्यादा दबाव हैं वो है केविन पीटरसन। बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया गया टीम का कॉम्बिनेशन बदला गया। लेकिन नतीजा वही सिफर। दक्षिण अफ्रीकी मूल के इस इंग्लिश कप्तान के सामने इस समय काफी मुश्किलें हैं।
वैसे पीटरसन का क्रिकेट करियर भी किसी रोमांच से कम नहीं है। पीटरसन ने अपने क्रिकेट करियर की वहीं से की। लेकिन, जब राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की बात सामने आयी तो दक्षिण अफ्रीका में मौजूद कोटा सिस्टम उनके आड़े आ गया। इस वजह से उन्हें दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का मौका नहीं मिल सका। पीटरसन ने हार नहीं मानी। और वे पहुंच गए अपनी मां के देश इंग्लैंड। उनके काउंटी के दिनों से ही उन्हें टीम मे लिए जाने की मांग उठने लगी। चार साल तक यहां कांउटी क्रिकेट में शिरकत करने के बाद उन्होने खुद को इंग्लैंड की टीम में खेलने की शर्त को पूरा किया। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मंच पर उन्होने खुद को एक धमाके के साथ पेश किया।
अगस्त में जब माइकल वॉन के कप्तानी छोड़ने के बाद इंग्लैंड की बागडोर केविन पीटरसन के हाथों में आई। बतौर कप्तान अपनी पहली वनडे सीरीज में उन्होने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज में 4-0 से जीत हासिल की। इस जीत के पीछे पीटरसन के उस गुस्से को भी वजह माना गया जो उनके अंदर कहीं छिपा हुआ था। शायद वो खीझ भी थी जिसकी वजह से उन्हें दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। पीटरसन की कप्तानी में टीम इंग्लैंड के प्रदर्शन में जबरदस्त उछाल देखा गया। क्रिकेट के जानकार और पुराने इंग्लैंड खिलाडि़यों को पीटरसन के रूप में इंग्लैंड क्रिकेट का नया तारणहार नजर आने लगा। हालांकि उनके चाहने वालों के बीच एक जमात ऐसी भी थी जो पीटरसन को कप्तान बनाए जाने के खिलाफ था। और अगर पीटरसन भारत से बुरी तरह से हारकर जाते हैं जो कहीं न कहीं उन आवाजों को फिर से दम मिलेगा।
उनकी कप्तानी का असल इम्तिहान भारत के खिलाफ माना गया। और, यहां पर उनके दांव कामयाब होते नहीं दिख रहे। इस सब के बीच पीटरसन के चरित्र को देखते हुए एक बात तो कही जा सकती है कि वो इतनी आसानी से हार नहीं मानेंगे। बेशक सीरीज में उनके लिए अब जीत की उम्मीद लगभग न के बराबर हो लेकिन केपी अपनी ओर से पूरा जोर लगाएंगे कि सीरीज में रोमांच बना रहे।
2 comments:
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
Post a Comment