ईरानी ट्रॉफी के मुकाबले से ही टेस्ट टीम चुने जाने की पूरी संभावना है। चैंपियंस ट्रॉफी न होने की सूरत में ईरानी ट्रॉफी पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज का आगाज 9 अक्टूबर से होगा। लेकिन, इससे पहले ही 24 सितंबर से वड़ोदरा मे शुरू हो रही ईरानी ट्रॉफी का सबको बेसब्री से इंतजार रहेगा। भारतीय क्रिकेट का हर स्टार यहां शिरकत करेगा। लेकिन, भारतीय क्रिकेट के चयनकर्ताओं से लेकर जानकारों और क्रिकेट को चाहने वालों सबकी निगाह इस बात पर होगी कि कौन कि पोंटिंग की वर्ल्ड चैंपियन टीम के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह बना सकता है। इसलिये इस बार ईरानी ट्रॉफी अचानक सुर्खियों में है।
ऑस्ट्रेलिया से खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले भारतीय खिलाडियों के पास खुद को परखने का अकेला मौका है। हाल ही श्रीलंका के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में भारत का गोल्डन मिडिल ऑर्डर रन बनाने में नाकामयाब रहा था। इस मैच के जरिए बल्लेबाजों के पास ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट सीरीज से पहले खुद को टटोलने और अपनी खोई लय पाने का भी यह आखिरी अवसर कहा जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत हमेशा से ही एक मुश्किल टीम रही है। पिछली बार पोंटिंग की टीम भारत को 35 साल बाद सीरीज हरा पाने में सफल रही थी। इस बार भारत की पूरी कोशिश होगी कि वह बार सीरीज जरूर जीते वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया पिछली बार के प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगा। ऐसे में चयनकर्ता ईरानी ट्रॉफी के जरिए एक ऐसी मजबूत टीम चुनना चाहेंगे जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को सीरीज में जीत दिला सकें।
ईरानी ट्रॉफी के मुकाबले से ही टेस्ट टीम चुने जाने की पूरी संभावना है। पूरी टीम पर नजर दौड़ाने के बाद टीम में ओपनर के तौर पर सहवाग के साथी के तौर पर चार दावेदार खड़े नजर आते हैं। गौतम गंभीर, वसीम जाफर और आकाश चोपड़ा के साथ ही पार्थिव पटेल भी अपनी दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं। वहीं नम्बर 6 के लिए कैफ का नाम सबसे आगे हैं। इसके आलावा रोहित शर्मा, बदबीनाथ और सुरेश रैना भी इस दौड़ में हैं। लेकिन अगर कहीं ये सितारे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए तो युवराज सिंह और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी इस टीम का हिस्सा बन सकते हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी न होने की सूरत में भी इस ट्रॉफी पर निगाहें और भी ज्यादा गढ़ गई हैं। इससे पहले साल 2003 में मुंबई बनाम शेष भारत मुकाबले में ही इतने सितारे एक साथ नजर आए थे। चेन्नई में खेले गए इस मैच में शेष भारत की ओर से वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे सितारे थे वहीं सचिन तेंदुलकर मुंबई की ओर से खेलते नजर आए थे। इस मुकाबले के जरिए टीम को श्रीलंका की हार से तो उबरना ही है साथ ही खुद को पोंटिंग की सेना के लिए पूरी मजबूती से तैयार भी करना है।ईरानी ट्रॉफी में पहले भी भारतीय क्रिकेट टीम को सितारे देती चली आई है। 1976 में दिलीप वेंगसरकर ने मुंबई की ओर से खेलते हुए ईरानी ट्रॉफी में 90 रनों की पारी खेली थी जिसकी बदौलत वे भारतीय टेस्ट टीम में जगह बना पाए थे। मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान अनिल कुंबले भी ईरानी ट्रॉफी के जरिए ही भारतीय टीम में वापसी कर पाए थे। 1992 में दिल्ली के खिलाफ खेलते हुए कुंबले ने मैच में कुल 13 विकेट लिए थे और इसके बाद कुंबले टीम का एक अहम हिस्सा बन पाए।
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