Tuesday, September 16, 2008

इस बार पूरी तरह से तैयार है आईसीएल

इंडियन क्रिकेट लीग और इंडियन प्रीमियर लीग के बीच प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट में जगजाहिर है। एक दूसरे से आगे निकलने की इस होड़ में पिछले साल आईसीएल पीछे रह गया था, लेकिन इस बार की तैयारियां कुछ खास हैं। इसके दूसरे सीजन में आईसीएल के अधिकारी न केवल बुनियादी कमियों को दूर करने में लगे हैं, बल्कि नए खिलाडि़यों को लीग में शामिल कर दर्शकों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते।
भारत मल्‍होत्रापहले आया आईसीएल- खिलाडि़यों के लिए बड़ा पैसा कमाने के पहले मौके के रूप में। भारत में टी-20 क्रिकेट की वास्‍तविक शुरुआत का श्रेय आईसीएल को ही है। एस्‍सेल ग्रुप द्वारा संचालित इस लीग में देश-विदेश के कई खिलाडी शामिल हुए। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद इसे वह सफलता नहीं मिली, जिसकी उम्‍मीद थी। फिर आया आईपीएल- बीसीसीआई द्वारा संचालित इस लीग ने भी 20-20 फॉर्मेट को अपनाया। ताज्‍जुब की बात तो यह है कि आईपीएल को अपार सफलता मिली और आईसीएल गुमनामी के अंधेरे में खो गया। कपिल देव का यह बयान कि आईसीएल क्रिकेट में बेहतर रहा और आईपीएल मॉर्केटिंग में- दरअसल, यह बात कपिल के दर्द की ओर इशारा करता है, वो उस सफलता को हासिल नहीं कर पाए जिसकी उम्‍मीद उन्‍होंने की थी। सही मायनो में आईपीएल की सफलता ने आईसीएल के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। भारत ने टी-20 के फॉरमेट की शुरुआत आईसीएल ने की मगर बावजूद इसके वह लोगों को अपनी ओर खींचने में नाकामयाब रहा। वहीं दूसरी ओर आईपीएल ने सफलता के नए आयाम तय कर दिए। आईसीएल को पता है कि अब उसके लिए खुद को बचाए रखने के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत है। आईसीएल अब अपने दूसरे सीजन के साथ आने के लिए तैयार है। पिछली बार इस टूर्नामेंट को इतनी सफलता न मिली हो, मगर इस बार उनकी पूरी कोशिश है इस तथाकथित बागी टूर्नामेंट को एक सफल आयोजन बनाया जा सके। आईसीएल को अभी तक किसी भी क्रिकेट बोर्ड की ओर से मान्‍यता नहीं मिली है और यही बात उसके आगे बढ़ने में सबसे बड़ी रुकावट बन रही है। सभी देशों के क्रिकेट बोर्ड इस बात को साफ तौर पर कह चुके हैं कि जो भी खिलाड़ी आईसीएल का हिस्‍सा बनेगा वह राष्‍ट्रीय टीम में नहीं चुना जाएगा, यानी उसका अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट करियर समाप्‍त हो जाएगा। पिछले सीजन में आईसीएल के पास एक भी अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का स्‍टेडियम नहीं था और न ही प्रायोजन के स्‍तर पर ही कोई स्‍थापित नाम उनसे जुड़ने को तैयार हुआ था। इन सब बातों से निजात पाने के लिए ही आईसीएल इस बार किसी भी तरह की कोताही बरतने की गलती नहीं करना चाहता। कपिल एंड कंपनी जानते हैं कि अगर इस बार वे अपना स्‍तर और प्रदर्शन नहीं जुटा पाए तो उनके लिए दोबारा यहां से संभलना काफी मुश्किल हो जाएगा। इसलिए इस दूसरे सीजन की तैयारी के लिए काफी समय पहले ही तैयारी शुरू कर दी गई। इस बार आईसीएल का आयोजन पिछली बार से बड़े स्‍तर पर करवाया जा रहा है। अच्‍छी सुविधाओं के नाम पर नए मैदानों का जुगाड़ किया जा रहा है तो नए खिलाडि़यों को साथ करने की भी हरसंभव कोशिश की जा रही है। साथ ही इस बार तो उन्‍हें कुछ प्रायोजक भी मिलने लगे हैं। इस बार आईसीएल को अहमदाबाद के एक स्‍टेडियम में खेलने का मौका मिलेगा, इसके साथ ही यहां पर ईडन गॉर्डन को लेकर भी आईसीएल अधिकारी कोशिश कर रहे हैं। आईसीएल के साथ खिलाडि़यों के जुड़ने और साथ छोड़ने का एक सिलसिला चलता रहा है। ब्रॉयन लारा इसके साथ जुड़े मगर खेलने में उनका मन यहां कभी खेलने में नहीं लगा। शेन वॉर्न और ग्‍लेन मैक्‍ग्रा की भी इसके साथ जुड़ने की खबरें आई थीं, मगर बाद में दोनों ही सितारे आईसीएल को ठेंगा दिखाकर आईपीएल में शामिल हो गए। मोहम्‍मद यूसुफ भी आईसीएल में शामिल होने को तैयार थे मगर बाद में वे आईपीएल में शामिल होने को ललचाते रहे। हांलांकि, उन्‍हें वहां भी जगह नहीं मिली। इस सबके बीच बांग्‍लादेश के 14 खिलाडियों के आईसीएल के साथ जुड़ने की बात सामने आई है। आईसीएल के लिए एक बड़ी खुशखबरी है कि टेस्‍ट खेलने वाले किसी देश के खिला‍ड़ी उसके साथ जुड़ रहे हैं।

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