टीम ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने के लिए भारत आ चुकी है। सीरीज शुरू होने से पहले ऑस्ट्रेलियन टीम मैनेजमेंट की ओर से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं जो टीम के अनुभवहीन होने की ओर इशारा करती हैं। हो सकता है यह बात कई मायनों में सही हो, लेकिन इसके दूसरे पहलू की ओर देखें तो एक अलग ही तस्वीर उभर कर सामने आती है।
ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम में केवल मैथ्यू हेडन, माइकल क्लार्क, कप्तान पोंटिंग और साइमन कैटिच ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत में टेस्ट मैच खेला है। 15-सदस्यीय इस टीम में चार खिलाड़ी तो ऐसे हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए अभी तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। मगर इसके बावजूद इन्हें अनुभवहीन कहना तथ्यों का एकपक्षीय मूल्यांकन हो सकता है। टीम में शामिल माइकल हसी, फिल जैक्स, डॉग बालिंगर जैसे तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पास घरेलू स्तर पर काफी अनुभव है। बॉलिंगर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 45 मैचों में 137 विकेट हासिल किए हैं, जो इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की क्षमता को बताता है। बॉलिंगर वर्तमान में भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया 'ए' टीम में भी शामिल हैं। जस्टिन लेंगर के संन्यास के बाद टीम में शामिल किए गए फिल जैक्स ओपनिंग में मैथ्यू हेडन के नए जोड़ीदार हैं। जैक्स भारतीय दर्शकों के लिए नए हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने घरेलू मुकाबलों में 11605 रन बनाए हैं। टेस्ट मैचों में भी उनका औसत 45 से ज्यादा है। माइकल हसी ने भले ही भारत में कोई टेस्ट मैच न खेला हो मगर उनकी बल्लेबाजी क्षमता से हर कोई वाकिफ है। टेस्ट मैचों में उनकी बल्लेबाजी का औसत 68 के ऊपर है, जो डॉन ब्रैडमेन के बाद दूसरा सबसे अच्छा औसत है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के घरेलू मैचों में हसी करीब 18 हजार रन बना चुके हैं।एंड्रयू सायमंड्स की अनुपस्थिति में टीम में ऑलराउंडर की हैसियत से शामिल किए गए शेन वाटसन आईपीएल के दौरान 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' रहे थे। अब भारत में टेस्ट मैच खेलने के नाम पर उनके पास अनुभव भले न हो, मगर बल्ले और गेंद से उनकी क्षमता मैच का रुख बदलने का माद्दा रखती है। गेंदबाजी की कमान संभाल रहे ब्रेट ली किसी पहचान के मोहताज नहीं है। ली ने भारत में टेस्ट मैच भले न खेले हों, मगर वह ऑस्ट्रेलिया के लिए 68 टेस्ट मैच खेल चुके हें। इसके अलावा भारत में 12 वनडे और आईपीएल के चार मैचों का तर्जुबा भी उनके साथ है। टीम में शामिल मिशेल जॉनसन भी भारतीय बल्लेबाजी के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। जॉनसन ने बड़ोदरा में खेले गए एक वनडे मैच में 10 ओवरों में 26 रन देकर पांच भारतीय बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। हालांकि भारत में टेस्ट मैच खेलने के नाम पर उनका भी खाता खाली है। स्टुअर्ट क्लॉर्क अपनी लाइन और लैंग्थ से बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बनते रहे हैं। भारत में पहली बार टेस्ट मैच खेलने से पहले क्लॉर्क 18 टेस्ट मैचों में 81 विकेट लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। विकेटकीपिंग मे एडम गिलक्रिस्ट के संन्यास लेने के बाद टीम में आए ब्रेड हैडिन के घरेलू खाते में 5 हजार से ज्यादा रन बनाना उनकी प्रतिभा को दिखाता है। वैसे खुद को गिलक्रिस्ट के दस्तानों में फिट कर पाना हैडिन के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं होगा। कुल मिलाकर यह तो माना जा सकता है कि भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया की यह टीम उसकी सर्वश्रेष्ठ टीम नहीं है, लेकिन अनुभवहीन कहकर उसे सिरे से खारिज करना खतरनाक हो सकता है।सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव ही अच्छे प्रदर्शन का पैमाना नहीं होता। जहां तक ऑस्ट्रेलियन टीम मैनेजमेंट की बात है, तो ये बयान उनके माइंड गेम का नया रूप हो सकता है। उनका यह प्रयास भारतीय टीम को कंफर्ट जोन में धकेलने के बाद उन पर चोट करने की रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है। भारत को इस बात का ख्याल रखना पड़ेगा कि वे किसी भी लिहाज से कंगारूओं को हल्के में लेने की भूल न करे वरना, कहीं साल 2005 का इतिहास दोहराया न जाए।